Home » Culture » कुमाटी की 150 साल पुरानी यह बाखली। इस बाखली में आज भी 10 से 12 परिवार रहते हैं।

कुमाटी की 150 साल पुरानी यह बाखली। इस बाखली में आज भी 10 से 12 परिवार रहते हैं।

कुमाटी की 150 साल पुरानी यह बाखली आज भी आबाद है. इस बाखली में आज भी 10 से 12 परिवार रहते हैं. इस बाखली की छ्त 300 फीट लम्बी है.

This is a 150 year old Bakhli of Kumati

 

एक बाखली नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के कुमाटी गांव में है, जो कुमाऊं मंडल की सबसे बड़ी बाखली है. इन बाखलियों के सभी कमरे एक जैसे होते हैं. एक पूरी बाखली में एक ही परिवार/बिरादरी के लोग रहते हैं. बाखली को इस तरह से डिजाइन किया जाता था कि पूरा परिवार संकट के समय एक साथ हो सके।

कुमाऊं की सबसे बड़ी बाखली रामगढ़ के कुमाटी गांव में स्थित है.

Related posts:

उत्तराखंड की शादीयों में "अरसे" बनाने की रस्म जरूरी है।

Culture

उत्तराखंड की 6 पारंपरिक पहाड़ी मिट्टी/धातु कला : एक सांस्कृतिक धरोहर। 6 Traditional Hill Clay/Metal ...

Culture

मैं केदार!अब क्या तो कहूं, कहां तो जाऊं ?

Culture

बदलाव कुछ करने से ही होता है। Change happens only by doing something.

Culture

पहाड़ी शैली में बने "पठाल" की छत वाले घर उत्तराखण्ड की समृद्ध वास्तुकला के प्रतीक हैं।

General Knowledge

नई टिहरी में पय्यां (पदम) के फूलों की बहार। Bloom of Payyan (Padma) flowers in New Tehri.

Uttarakhand Latest

कभी भी गिलास में पानी ना पियें, जानिए लोटे और गिलास के पानी में अंतर। Never drink water in a glass, ...

Culture

ये वीरान पड़े खुबसूरत घर इस बात के गवाह हैं कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी वाकई में पहाड़ों के ब...

Culture

कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.

Kumaon
यह भी पढ़िये :-  कैसी होती थी 90 के दशक के समय गाँव की शादी समारोह?

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*