युवा मिसाल : आज श्रीनगर गढ़वाल मे 38 वर्षीय सुरजीत पुंडीर से मुलाक़ात हुईं जो टिहरी के रहने वाले है और बस अड्डे के सामने अपनी छोटी सी दुकान चलाते है और यहाँ करीब बीते 8 वर्षो से फ़ास्टफ़ूड का काम कर रहे है वर्तमान मे उनके दो बच्चे भी है ज़ब मैंने बढ़ती बेरोजगारी पर उनको दो शब्द कहने क़ो कहा तो पहले तो वो बोले कि मैं क्या ही बोलू लेकिन फिर बाद मे कह ही दिए कि बेरोजगार युवा स्वयं से है वो मेहनत नहीं करना चाहता। मैं यहाँ फास्टफूड का काम करता हूँ लेकिन कइयों क़ो ये काम करने मे शर्म महसूस होती है जिस काम से परिवार का पालन पोषण हो जाये भला उस काम क़ो करने मे शर्म कैसी लेकिन आज का युवा ये नहीं समझता और उसे बस सरकारी नौकरी या अपना कुछ बडा काम ही चाहिए इसलिए वो आज बेरोजगार है और मेरा तो यूट्यूब चैनल भी है जिसमे मैं अपने काम क़ो खुशी खुशी दिखाता हूँ मुझे तो आज तक कोई शर्म नहीं लगी। सुरजीत के यहाँ हमने भी चाउमीन खाई थोड़ी तीखी जरुर थी लेकिन अच्छी थी।
अंत मे बस यही कि आप और हमने कामों का अपनी सहूलियत के अनुसार वर्गीकरण किया हुआ हैँ कौन छोटा है कौन बडा,कौन हमारे लायक है और कौन नहीं लेकिन हम ये नहीं सोचते कि जिन लोगों से हमें शर्म लग रही है वो लोग कल हमारा परिवार पालने आगे नहीं आएंगे। अपने परिवार क़ो पालने के लिए हमें स्वयं ही मेहनत करनी पड़ेगी |
Dhanyavaad Ajay ji yeh Boht Badhiya Surjeet Bhai k Story kun