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उत्तराखंड की शादीयों में “अरसे” बनाने की रस्म जरूरी है।

अरसा बनने की तैयारी शुरू पहाड़ों में शादी-ब्या सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हर रस्म में बसा होता है एक गहरा एहसास। जब कोई बेटी अपने मायके से विदा होकर ससुराल जाती थी, तो उसकी विदाई को खास बनाने के लिए घर के बुजुर्ग अड़से...

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कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो।

कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो- जब कभी हल लगाकर और जंगल में लकड़ी काटकर घर आता तो घी और गुड़ के साथ या ऐसे ही खा जाता था वो दिन कभी लौट भी आएंगे कि नहीं...

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1858 में  लंढौर मसूरी का रंगीन स्केच। पेंटिंग पर लिखा है ‘लंढौर हाउस’। Colour sketch of Landour, Mussoorie, 1858. The name on the painting is ‘Landour House’.

1858 में  लंढौर मसूरी का रंगीन स्केच। पेंटिंग पर लिखा है ‘लंढौर हाउस’। वैसे तो मैंने 1800 के दशक के मसूरी के कई स्केच देखे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी रंगीन नहीं था। 1858 का यह रंगीन स्केच इस मायने में खास है।

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उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के मुकुल बडोनी (#Mukul_Badoni) एक प्रतिभाशाली कलाकार।

उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के मुकुल बडोनी (#Mukul_Badoni) एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जो रंगों की मदद और अपने हाथों के हुनर से किसी भी बेजान दिवार पर ब्रश मारकर उसे ऐसा बना सकते हैं कि देखने वाला देखता रह जाए। आज तक इन्होंने उत्तराखण्ड के...

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1932 मे बद्रीनाथ, वहाँ के रावल और बद्रीनाथ में रस्सी से बने पुल की तस्वीर। Photo of Badrinath in 1932, its Rawal and the rope bridge at Badrinath.

1932: बद्रीनाथ के रावल और बद्रीनाथ की तस्वीर। 1932 में बद्रीनाथ में रस्सी से बना पुल था। मंदिर प्रबंधन कर्मचारियों की पोशाक देखें। मैंने झंडा मेले के दौरान गुरु राम राय दरबार के महंत के साथ चलने वाले कर्मचारियों को भी ऐसी ही पोशाक पहने...

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वर्ष 1885 में एक ईसाई मिशनरी पत्रिका के कवर पेज पर नैनीताल झील की तस्वीर।

1885: एक ईसाई मिशनरी पत्रिका के कवर पेज पर नैनीताल झील की तस्वीर।यह फोटो ईसाई मासिक समाचार पत्र, हीथेन वूमन फ्रेंड में प्रकाशित हुआ। बोस्टन, मैसाचुसेट्स की यह वूमन्स फॉरेन मिशनरी सोसायटी इस पत्रिका का प्रकाशन करती थी।

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ये हैं उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल में छोटे से गांव दुपटोली के रहने वाले हस्त शिल्प कलाकार दर्शन लाल।

ये हैं उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल में छोटे से गांव दुपटोली के रहने वाले दर्शन लाल। दर्शन लाल हस्त शिल्प कलाकार है और वो इसी से अपना घर चलाते हैं दर्शन लाल ने अपनी हाथों की कलाकारी से कई सामानों को बनाया है। ये वस्तुएं...

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ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर लोकल निवासी से अनुरोध हैं की वहां की जमीन किसी को ना बेचे।

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर जितने भी रेलवे स्टेशन होंगे लोकल निवासी से अनुरोध हैं की वहां की जमीन किसी को ना बेचे वरना आप वहां बाद में नौकर बनकर रह जाएंगे !

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कभी भी गिलास में पानी ना पियें, जानिए लोटे और गिलास के पानी में अंतर। Never drink water in a glass, know the difference between glass and glass.

⚱भारत में हजारों साल की पानी पीने की जो सभ्यता है वो गिलास नही है, ये गिलास जो है विदेशी है. गिलास भारत का नही है. गिलास यूरोप से आया। और यूरोप में पुर्तगाल से आया था।  ये पुर्तगाली जबसे भारत देश में घुसे थे...

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