पहाड़ो मैं इस टाइप के घर कितने अच्छे लगते है बिल्कुल सुनसान जगहों पर।
पहाड़ो मैं इस टाइप के घर कितने अच्छे लगते है बिल्कुल सुनसान जगहों पर।


पहाड़ो मैं इस टाइप के घर कितने अच्छे लगते है बिल्कुल सुनसान जगहों पर।

1928: बद्री दत्त बमोला, जिन्हें बद्री महाराज के नाम से जाना जाता था, फिजी में विधान परिषद के पहले भारतीय सदस्य थे। उन्होंने 1916 से 1923 और 1926 से 1929 के बीच दो बार फिजी में विधान परिषद में मनोनीत सदस्य के रूप में कार्य...

हमारे पुरखों ने जो मकान बनाया हमारे लिए वह हमें आवाज लगा रहे हैं आ जाओ प्लीज।

आप एक अलग एहसास को महसूस करेंगे और प्रकृति का जो रूप आपको देखने को मिलेगा वह अपने आप में बहुत ही अद्भुत होगा जो भी फोटो मुझे अच्छी लगती है मैं उसे जगह का नाम, वहां के बारे में जानकारी अपने पास जमा कर...

अरसा बनने की तैयारी शुरू पहाड़ों में शादी-ब्या सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हर रस्म में बसा होता है एक गहरा एहसास। जब कोई बेटी अपने मायके से विदा होकर ससुराल जाती थी, तो उसकी विदाई को खास बनाने के लिए घर के बुजुर्ग अड़से...

कोदे की रोटी खाने का आनंद ही अलग है खासकर जब भूख लगी हो- जब कभी हल लगाकर और जंगल में लकड़ी काटकर घर आता तो घी और गुड़ के साथ या ऐसे ही खा जाता था वो दिन कभी लौट भी आएंगे कि नहीं...

1858 में लंढौर मसूरी का रंगीन स्केच। पेंटिंग पर लिखा है ‘लंढौर हाउस’। वैसे तो मैंने 1800 के दशक के मसूरी के कई स्केच देखे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी रंगीन नहीं था। 1858 का यह रंगीन स्केच इस मायने में खास है।

उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के मुकुल बडोनी (#Mukul_Badoni) एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जो रंगों की मदद और अपने हाथों के हुनर से किसी भी बेजान दिवार पर ब्रश मारकर उसे ऐसा बना सकते हैं कि देखने वाला देखता रह जाए। आज तक इन्होंने उत्तराखण्ड के...

1932: बद्रीनाथ के रावल और बद्रीनाथ की तस्वीर। 1932 में बद्रीनाथ में रस्सी से बना पुल था। मंदिर प्रबंधन कर्मचारियों की पोशाक देखें। मैंने झंडा मेले के दौरान गुरु राम राय दरबार के महंत के साथ चलने वाले कर्मचारियों को भी ऐसी ही पोशाक पहने...

पहाड़ों में बना पुरानी शैली के सुन्दर मकान। Beautiful old style house built in the mountains.