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इसे फालतू खरपतवार (घाँस) समझकर न फेंके। 

अक्सर हम जब पालक की गड्डी खरीदकर लाते हैं तो उसमें धनिया जैसे रंगरूप का एक और साग अक्सर मिला हुआ रहता हैं जिसकी खुशबु बहुत ही तेज होती हैं और हम अक्सर उसे फालतू की चीज़ समझकर फैंक देते हैं। जब कि बहुत से लोग उसको पैसे दे कर खरीदते हैं जिनको इसकी महत्त्व पता होता हैं। 

बहुत से लोग इसकी कढ़ी बनाते हैं और पंजाब में इसके परांठे बनाय जाते हैं, आलू सोया की सब्जी भी बनती हैं और बहुत से लोग रायता भी। 

धनिया के पत्तों की तरह दिखने वाला सोया (सोवा या सोआ ) पत्ता जड़ी- बूटी (Herbs) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके पोषक तत्व सर्दियों में आपको बेहतर इम्युनिटी देकर बीमार पड़ने से बचाते हैं। अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं और गिन-गिन कर कैलोरी लेती हैं, तो भी सोया साग आपके लिए परफेक्ट डाइट है, क्योंकि इसमें न्यूनतम कैलाेरी होती है। साथ ही यह खाने में एक अलग खुशबू भी जोड़ देता है।

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सोया एक स्वादिष्ट साग है जिसे इसे भोजन में जोड़ना आसान है। अपने भोजन में ताजा सोया पत्ती जोड़ने के कुछ आसान तरीके। 

सूप या सूखी सब्जियों में इसे गार्निशिंग के रूप में इस्तेमाल करें।
इसे ठंडे खीरे के सलाद के ऊपर छिड़कें।
आलू के साथ इसकी सब्जी भी बनाई जा सकती है।
इसे दही से बने डिप्स में मिलाएं।
आप इसे सैंडविच में भी डाल सकती हैं।
इसे सॉस, मैरिनेशन या सलाद ड्रेसिंग में शामिल करें।
बहुत से लोग सोया को सूखा कर फ्रिज में स्टोर करके बेमौसम में भी इसके स्वाद का आनंद लेते हैं। 

ध्यान रहे, अधिक सोया पत्ते का सेवन है हानिकारक
सोया के पत्तों के असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन कभी-कभी इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त, उल्टी, मुंह में खुजली, पित्त, जीभ और गले में सूजन जैसी कुछ एलर्जी हो सकती है। यहां तक ​​कि सोया के पत्तों के रस को त्वचा पर लगाने से भी थोड़ी जलन हो सकती है और त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है।

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