Home » Culture » पहाड़ों में महिलाओं की मेहनत कढ़कती धूप में दिन भर घास का काटना।

पहाड़ों में महिलाओं की मेहनत कढ़कती धूप में दिन भर घास का काटना।

पहाड़ों में महिलाओं की मेहनत कढ़कती धूप में दिन भर घास का काटना साथ में शाम को 40 kg का बोझ पीठ पर ले जाना वास्तव में पहाड़ों का जीवन बहुत ज्यादा व्यस्त और कठिनाई भरा है क्या आपने अपने काम को खत्म कर दिया है क्या जरूर बताएं। 

Related posts:

हिमालय के उत्तराखंड में नैनीताल झील के मनोरम दृश्य (1890 के दशक)। Panoramic view of Nainital Lake i...

Culture

सड़क किनारे पहाड़ी सब्जी बेच रहे नितेश सिंह बिष्ट जी स्वरोजगार कर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सीधा...

Culture

पत्नी का बनाया खाना क्यों नहीं खाते थे उत्तराखंड के "मर्द"। Why did the "men" of Uttarakhand not eat...

Uttarakhand Latest

भड्डू- कांसे आदि धातुओं को मिलाकर बनने मोटा और वजनी बर्तन।

Culture

सुनो! मैं केदारनाथ बोल रहा हूं।

Culture

पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे।

Culture

मैं धराली हूँ,पहाड़ों की गोद में पली एक मासूम सी बच्ची।

Culture

शहरों के बंगले भी कुछ नहीं है इन पहाड़ों के सुन्दरता के घरों की आगे। 

Culture

बेडू तो पकता नही 12 महीने फिर बेडू पाको बारमाशा क्यों?

Culture
यह भी पढ़िये :-  कुमाऊनी खानपान की प्रमुख विशेषताएं। Main features of Kumauni food.

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.