वाकई ऐसे ही लोगों की जरूर है जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर दे। मटकुण्ड गांव,बीरोंखाल पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ऐसे ही मेहनतकश पहाड़ी बागवान हैं जो आज बागवानी के बल पर आत्मनिर्भर हैं।
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