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“गुंजा या घुंघची” आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रत्ती एक प्रकार का पौधा होता है।

घुंघची

गुंजा या घुंघची किसी चमत्कार से कम नहीं एक समान होता है इसके बीजों का आकार और वजन सोना तौलने में भी होता है गुंजा के बीज का उपयोग

यह शब्द लगभग हर जगह सुनने को मिलता है। जैसे – ‘रत्ती भर भी परवाह नहीं, रत्ती भर भी शर्म नहीं’, रत्ती भर भी अक्ल नहीं। आपने भी इस शब्द को बोला होगा, बहुत लोगों से सुना भी होगा। आज जानते हैं ‘रत्ती’ की वास्तविकता, यह आम बोलचाल में आया कैसे। 

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रत्ती एक प्रकार का पौधा होता है, जो प्रायः पहाड़ों एवं मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसे घुँघची, गुंजा आदि नामों से भी जाना जाता है। इसके मटर जैसी फली में लाल-काले रंग के दाने (बीज) होते हैं, जिन्हें रत्ती कहा जाता है।

प्रकृति में विविध रूप रंग और गुण वाली इतनी बनस्पतियाँ व पेड़ पौधे मौजूद हैं, जिन्हे देखकर आश्चर्य होता है। इतनी विविधता के बावजूद भी उनके बीच न तो कोई बैर भाव है और न ही वैमनश्यता। हर बनस्पति व पेड़ – पौधा अपने आप में परिपूर्ण एवं अनूठा है। किसी की भी किसी से तुलना नहीं की जा सकती, क्यों कि प्रत्येक की अपनी अहमियत और उपयोगिता है। आज हम बात करते हैं गुंजा अथवा घुंघची के बारे में जिसे रत्ती भी कहते हैं। गुंजा या घुंघची की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी फली में लगने वाले बीज एक ही आकार और वजन के होते हैं। सोचिये क्या यह किसी करिश्मे व चमत्कार से कम है? एक जैसा आकार और वजन का होने के कारण ही घुंघची के बीज का उपयोग सोनार सोना तौलने के लिए करते हैं। यही वजह है कि घुंघची के बीज को रत्ती भी कहा जाता है।

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उल्लेखनीय है कि गुंजा को आयुर्वेद में घुंघची या रत्ती कहते हैं। गुंजा तीन प्रकार की होती है। लाल गुंजा, सफेद गुंजा और काली गुंजा। लाल गुंजा ग्रामीण अंचलों में झाड़ी वाले स्थान पर पायी जाती हैं। इसकी छोटी-छोटी पत्ती वाली बेल होती है और आसानी से मिल जाती है। गांवों में इसे चोंटली बोलते हैं। लाल गुंजा के बहुत से लाभकारी उपयोग भी हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति, बालक या संस्थान को बुरी नजर लग जाती है, तो पांच गुंजा या 11 गुंजा लेकर उनके ऊपर से पांच बार उल्टा उतारें और बाहर किसी अंगारी या कपूर पर जला दें। तीन दिन लगातार शाम के समय ऐसा करने पर बुरी से बुरी नजर भी उतर जायेगी। सफेद गुंजा लोभिया के दानों की तरह सफेद होते हैं। इनका उपयोग ज्योतिष के उपाय और वास्तु के उपाय में होता है। सफेद गुंजा के सम्बन्ध में इस तरह की ज्योतिषीय धारणा है कि यदि आपके घर का उत्तरी भाग दूषित है। धन आता है, चला जाता है, बरकत नहीं होती तो आप 10 ग्राम सफेद गुंजा लेकर सफेद कपड़े में बांधकर उत्तर की दीवार पर टांग दें या किसी कांच की कटोरी में रख दें अथवा अपने घर की छत पर किसी बड़े गमले में सफेद गुंजा को उगा सकते हैं। इससे लक्ष्मी कुबेर आकर्षित होते हैं और घर में धन वृद्धि होती है। गुंजा या घुंघची का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार में भी किया जाता है।

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